1 भारतीय
साझेदारी अधिनियम,
1932
इस अधिनियम के अधीन व्यापारिक साझेदारी फर्मों का पंजीयन किया
जाता है तथा समय समय पर फर्मों की रचना में जो परिवर्तन होते हैं,
उनको रिकार्ड में दर्ज किया जाता है तथा फर्मों के भागीदारों
द्वारा अथवा अन्य द्वारा चाहे जाने पर प्रलेखों की प्रतियां जारी
की जाती है।
2 मध्यप्रदेश
सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम,
1973-
इस अधिनियम के अधीन शैक्षणिक,
सांस्कृतिक,
परोपकारी,
जनकल्याणकारी तथा अनेक प्रकार की स्वयं सेवी संस्थाओं का पंजीयन
किया जाता है तथा पंजीयत संस्थाओं की जांच विशेष आडिट,
निरीक्षण,
प्रशासक की नियुक्ति आदि का कार्य होता है। संस्थाओं एवं
अन्य द्वारा चाहे जाने पर प्रमाणित प्रतियॉं जारी की जाती है
तथा संस्था के विधान में जो संशोधन समय समय पर होते हैं,
उनको भी अनुमोदित कर रिकार्ड पर लिया जाता है ।
मुख्यालय
एवं संभागीय कार्यालय में पदस्थ अधिकारीगण द्वारा मध्यप्रदेश
सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम,
1973 की निम्न लिखित धाराओं के अधीन कार्य सम्पन्न किये
जाते हैं -
पदनाम |
धारायें |
डिप्टी रजिस्ट्रार,
फर्म्स एवं संस्थाएं,
मध्यप्रदेश |
धारा
21
एवं
29 |
असि0 रजिस्ट्रार,
फर्म्स एवं संस्थाएं, |
धारा 6,
7,
10,
11,
12,
13,
15,
16,
17,
18,
25(2),
26,
27,
28,
29,
30,
31,
32,
34, 37,
38 एवं 39 |
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